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मर्डर- एक प्रेम कहानी (ep-1)

पुलिस स्टेशन - सेक्टर 11-D

एक लड़का उम्र करीब 24 साल ,नाम राज, जो कि 3 दिन से जेल में बंद है। पुलिस लगातार कोशीश कर रही है कि राज कोई राज खोले। पर राज तो मुह भी नही खोल रहा। ऐसा लगता है जैसे पैदायशी गूंगा है।
मुजरीम अक्सर "मैं कुछ नही जानता" बोलने के लिए तब भी मुह खोलते है। पर ये कुछ नही बोलता। बहुत बड़े सदमे में है। 
पुलिस- भाई कुछ तो बोल मैं भी जानता हूँ। तू दुखी है। शायद तेरी कोई गलती न हो। तू बेगुनाह हो। पर मुह खोलेगा तो ही कुछ पता लगेगा।
( राज खामोशी के घेरे में घिरा गौर से सलाखों के बाहर खड़े वर्दीवाले को देख रहा है और फिर धीरे से पलके झुकाता है। और आंखों से एक बार फिर आंशू बहाते हुए पुराने ख्यालो में खो जाता है। मानो राज ने खुद की गलती स्वीकार ली हो)
पुलिस- (गुस्से में) तू यही सड़ेगा । पड़े रहना जिंदगी भर। (विनम्रता से) देख मैं भी इंसान हूँ। और मैं कोई फिल्मो वाला पुलिस नही हूँ जो तुझे मारपीट कर घायल कर दूं। तेरी चुप्पी से ही तू मुजरिम साबित हो जाएगा। और तुझे कोई नही बचा पायेगा।
( राज की झुकी पलके एक बार फिर धीरे से खुली और वर्दीवाले की तरफ देखकर फिर धीरे से झुक गयी,
इन आँखों मे ना तो गुस्सा था। न ही कोई झूठ को दबाने की चाहत। एक गहरा अंधेरा था। जिसमे राज डूबता जा रहा था।)
पुलिस वाला(उम्र 31, नाम विक्रम) वापस चला गया।

 विक्रम अपने आफिस में बैठा है । एक पुलिस कॉस्टेबल आता है। और बताता है कि कोई मेडम राज से मिलना चाहती है। मिलने दूं क्या।
 विक्रम- उस गूंगे से मिलने कौन आ गई । उसे यहाँ भेजो। पहले मुझसे मिलेगी फिर उससे। 
कांस्टेबल- ठीक है सर। (कांस्टेबल जाता है लड़की आती है) 
लड़की- क्या मैं अंदर आ सकती हूँ।
 विक्रम- जी जरूर ,,,,,,बैठिये ना। खड़ी क्यों है।
 लड़की - जी शुक्रिया 
विक्रम-  आपकी तारीफ। 
लड़की-  मैं एडवोकेट अंजलि राज से मिलना है। कुछ बाते करनी है।
 विक्रम-  हंसते हुए -- उस गूंगे से क्या बात करोगी। 3 दिन से उसके मुँह से उफ्फ तक नही सुना। कुछ नही बोलता वो। कई बार गुस्से में आकर पिटा भी उसे। पर पीटने में भी उसे मजा आता है जो जिंदा हो।  अब इस जिंदा लास जो न दर्द महसूस करता है। न ही कुछ बोलता है। बस आंखों से बात करने की कोशिश करता है। जो मेरी समझ से बाहर है। 
अंजलि - क्या मैं मिल सकती हूँ। 
विक्रम- एक बार फिर सोच लो उसके केस लड़ने से पहले। आपकी उम्र अभी नही है कि हारा हुआ केस लड़ने की। क्यों अपना करियर बर्बाद कर रही हो।
 अंजलि- केस हारना या जितना मायने नही रखता। पर मैं जानती हूँ राज निर्दोष है।
 विक्रम - क्यों कोई पुराना लफड़ा है क्या???? 
अंजलि - अपने काम से काम रखोगे तो आपके लिए अछा होगा। 
विक्रम - मेरे लिए अछा होगा या नही। पर ये केस आपके लिए बुरा होने वाला है।
 अंजलि-  मेरे लिए इस मर्डर जिसके लिए राज जेल में है इससे बुरा कुछ नही हो सकता।
विक्रम- आपको दुख इस मर्डर का है या राज के जेल जाने का।
अंजलि- दोनो का 
विक्रम- अगर राज सच मे मर्डरर हुआ तो। फिर भी तुम उसी का साथ दोगे। 
अंजलि- मैं मुजरिम को सजा दिलाती हूं। चाहे मुजरिम मेरा क्लाइंट ही क्यों न हो। 
विक्रम - आप राज से मिल सकते हो।
 (अंजलि जा रही होती है विक्रम टोकते हुए बोलता है)
 विक्रम - सुनिए। 
अंजलि- जी कहिये
 विक्रम  - अगर आपको राज पर इतना भरोसा है। तो थोड़ा भरोसा मुझपर भी कर लीजियेगा। अगर कभी भी मेरी जरूरत पड़े तो जरूर याद कीजियेगा। और अगर राज निर्दोष है तो इसे न्याय मिलेगा। 
अंजलि - जी जरूर (अंजलि जाती है राज से मिलने )

 (राज कोठरी में बैठा है। और किसी गहरे ख्यालो में खोया हुआ। अंजलि को कांस्टेबल अंदर भेजता है।)

अंजलि- राज को आवाज देते हुए।
राज.....(राज ने बिना किसी आश्चर्य के बिना कोई जवाब दिए धीरे से आंखे उठाई और फिर वापस झुका ली ) 
अंजलि- हेलो राज (हाथ आगे बढ़ाते हुए.) 
(मगर राज ने कोई जवाब नही दिया हाथ भी नही मिलाया।) 
अंजलि- कोई बात नही.....
अंजलि- देखो मैं आपको छुड़ाने आयी हूँ। उसके लिए अपको मुझे सब बताना पड़ेगा।अगर तुम चुप रहे तो उसके असली कातिल को कभी सजा नही मिल पाएगी।तुम्हे बोलना होगा। 
(राज कुछ नही बोला) 
अंजलि- मैं जानती हूँ तुमने कुछ नही किया है। पर ये बात तुम जानते हो मैं जानती हूँ पर बाकी तुम्हारे परिवार वाले भी तुम्हे गलत समझते है। मैं गई थी तुम्हारे घर , मुझे पता चला की वो भी आपको सच मे खूनी समझते है। और उसका कारण है आपका चुप रहना 
(राज अब भी चुपचाप बाते सुन रहा था।) 
अंजलि- बोलो कुछ। अगर नही बोलोगे तो न उसकी आत्मा को शांति मिलेगी।न उसके माता पिता को इंसाफ। न ही तुम्हे कुछ हासिल होगा।
(राज अब भी चुप था और अंजली ने लास्ट वॉर्निंग दी;)
 अंजलि- इसका मतलब तुम नही बोलोगे
अंजलि-  तुम नही बोलोगे। मैं जा रही हूँ।  रहो ऐसे ही पड़े । राज- ( धीरे से हल्के से सांस को अंदर खींचता है । मगर उसकी चुप्पी नही टूटती)
(विक्रम वही पास खड़ा सब सुन रहा था उसने अंजलि को जाते हुए देखा)
 विक्रम-  मैने कहा था ये कुछ नही बोलेगा। क्यों बोलेगा। खून इसी ने किया है। उस लड़की को इसी ने फांसी पर लटकाया । और सोचा खुदखुशी समझेंगे सब। मगर पकड़ा गया। खूनी है तू राज खूनी है तू (ऊंची आवाज में उसे चिढ़ाते हुए बोला) राज ये सब सुनकर रोने लगा और रोते रोते बोलने लगा)
 राज- मैं खूनी नही हूँ... नही हूँ मैं खूनी। (और ये सब कहते कहते अपने ही सिर के बाल नोचते हुए जोर जोर से रोने लगा। 
अंजलि - चलो कुछ बोला तो सही।
 विक्रम  - थैंक्स गॉड गूंगा ठीक हो गया। अब मैं इसका बयान ले सकता हूँ। 
अंजलि - (राज को चुप कराते हुए) आर यु ओके राज। अब बताओ क्या जानते हो तुम इस के बारे में। 
विक्रम - एक्सक्यूजमी मेंम। पहले मैं बयान ले लूँ। फिर आप अपना काम कर लेना।
 अंजलि - सॉरी आप बयान लीजिये। क्या मैं इधर रूक सकती हूँ।
 विक्रम- नो प्रॉब्लम
 (राज को पानी  पिलाते है और विक्रम सवाल पूछना शुरू करते है । ) 
विक्रम - देखिए जिस लड़की की मौत हुई है आप उसे जानते हो।
 राज - जी हां । 
विक्रम- जी क्या लगती थी आपकी। 
राज- दोस्त
 विक्रम- सिर्फ दोस्त या और लफड़ा भी था।
 राज- जी नही सिर्फ दोस्त थे।
विक्रम- आप जानते हो उसकी मौत कैसे हुई। 
राज- जी नही मुझे खबर मिली कि उसने फांसी लगा ली है। मैं उसके घर गया था। वहाँ अंकल रो रहे थे। मैं भी जाकर बैठ गया। फिर आगे आप भी आ गए थे आपको पता होगा। 
विक्रम- आगे मुझे पता है तुम ये बताओ तुम्हे किसी पर शक है ऐसा कुछ।
 राज- मुझे किसी पर शक करने लायक छोड़ा कहाँ आपने। शक मुझपर किया और उठा लाये । लेकिन मुझपर शक किया क्यों। 
विक्रम- थर्सडे को उसकी डैथ हुई थी उससे एक दिन पहले उसने तुझे 5 बार कॉल किया । और उससे पहले भी बहुत कॉल होती थी आपमे। 
राज- इससे क्या साबित होता है।
विक्रम- साबित तो मैं कर ही दूंगा। बस और कुछ सबूट चाहिए
(सवालों का सिलसिला जारी था। अचानक विक्रम किसी अर्जेंट काम से चले गया। और अंजलि को भी कहा आपको इनसे जो भी जानकारी चाहिए आप अगले दिन आकर ले सकती है। अभी आप जा सकते हो।)
 (विक्रम और अंजलि दोनो चले जाते है।)


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6 Comments

madhura

23-Jul-2023 10:06 AM

ला जवाब कहानी

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Babita patel

13-Jul-2023 05:48 PM

very nice

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Swati chourasia

01-Sep-2021 08:51 PM

Very beautiful

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